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नरेन्द्र
मोदी में तानाशाही झलकती हैःअभिषेक मनु
संघवी |
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Tags: UP News , Abhishek Manu
Sanghvi, Spoksman Congress |
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Publised
on : 18 April 2014 Time 20:14 |
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Lucknow
/ लखनऊ।
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी
ने कहा कि सपा नेता आजम खाँ और भाजपा
महामंत्री अमित शाह दोनों एक जैसे हैं।
साम्प्रदायिकता और विभाजन की राजनीति करने
के मामले में दोनों मुखौटे एक जैसे हैं।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर
निशाना साधते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी
में तानाशाही झलकती है। भाजपा में सब तरफ
घमंड और अहंकार फैला है। उन्होंने कहा कि
2004 में भी लगभग यही स्थिति थी और भाजपा
अति आत्मविश्वास में डूबी हुई थी। सिंघवी
शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में
आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आपसी मेलजोल, भाईचारा और
गंगा जमुनी तहजीब नरेन्द्र मोदी और भाजपा
के शब्दकोष में नहीं है। उमा भारती के
वीडियो का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता
ने कहा कि नरेन्द्र मोदी विकास पुरूष नहीं
विनाश पुरूष हैं। उन्होंने यह भी कहा था
कि गुजरात भयभीत प्रदेश है। यही भाजपा का
चेहरा है। नरेन्द्र मोदी पर जब भाजपा के
ही नेता विश्वास नहीं कर रहे हैं तो जनता
कैसे विश्वास करेगी।
नरेन्द्र मोदी साम्प्रदायिकता और विनाश की
राजनीति करते हैं। वह विकास कम हल्ला
ज्यादा करते हैं। गुब्बारे तथ्यों के आधार
पर सामने नहीं टिकेंगे। यूपीए प्रथम और
यूपीए दो एनडीए के छः वर्ष के कार्यकाल से
कहीं बेहतर है। हलांकि उन्होंने माना कि
यूपीए 2 से यूपीए 1 में बेहतर काम हुए
हैं। कांग्रेस नेता ने प्रदेश की सपा
सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुजफ्फर
नगर दंगा प्रदेश सरकार की नाकामी को
दर्शाता है। सपा के दो वर्ष के शासनकाल
में 115 दंगे हुए। उन्होंने कहा कि उत्तर
प्रदेश के सात जिलों में केन्द्र सरकार की
योजनाओं में बड़े घपले हुए हैं। वहीं खाद्य
सुरक्षा बिल पर भी राजनीति की गई।
राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री पद का
उम्मीदवार घोषित नहीं करने के बारे में
सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि कांग्रेस
संविधान नीति और परंपरा की बात करती है।
राहुल गाँधी कह चुके हैं कि बहुमत आने पर
वह प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं।
यही फर्क है तानाशाही और लोकतांत्रिक
पार्टी में। नरेन्द्र मोदी चुनाव से पहले
ही अपनी घोषणा करवा चुके हैं जबकि राहुल
गाँधी चुनाव बाद सांसदों को विश्वास में
लेकर कोई कदम उठाना चाहते हैं।
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source: UP Samachar Sewa |
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