उन्नाव।भारत
का
सबसे
बड़ा
लोकसभा
क्षेत्र
उन्नाव
है।
यह
लोक
सभा
क्षेत्र
पश्चिम
एवं
दक्षिण
में
गंगा
के
उत्तरी
तट
को
स्पर्श
करता
है।
उत्तर
दिशा
में
पौराणिक
सई
नदी
की
धारा
है।
राजधानी
लखनऊ
की
सीमाओं
को
भी
यह
लोकसभा
क्षेत्र
स्पर्श
करता
है।
सर्वाधिक
चर्चित
लोकसभा
क्षेत्र
रायबरेली
की
सीमायें
भी
उन्नाव
लोकसभा
के
गांव
के
क्षेत्र
सीमा
में
है।
जनपद
में
अनेक
साहित्यकार
आलोचक
जन्में।
आजादी
के
संघर्ष
में
जनपद
के
वीर
शहीदों
का
नाम
स्वर्णिम
इतिहास
में
है।
उन्नाव
लोकसभा
के
प्रथम
सांसद
स्वतन्त्रता
संग्राम
सेनानी
और
महान
आन्दोलनकारी
जननायक
पंण्डित
विशम्भर
दयालु
त्रिपाठी
1952
में
हुए।
उन्नाव
लोकसभा
परिसीमन
में
वर्ष
2009
में
पूरा
जनपद
एक
लोकसभा
क्षेत्र
बना।
इससे
पूर्व
पुरवा
एवं
हसनगंज,सुरक्षित
सीट
लखनऊ
जिले
की
मोहनलालगंज
लोकसभा
में
थी।
उन्नाव
लोकसभा
में
2110388
मतदाता
है।
वर्ष
2009
में
हुए
चुनाव
में
1897487
मतदाता
थे।
इस
चुनाव
में
दो
लाख
बारह
हजार
नौ
सौ
एक
मतदाता
नये
बढ़े
है।
अधिकांश
नये
मतदाताओं
में
युवा
चेहरे
शामिल
है।
वर्तमान
में
कांग्रेस
की
अन्नू
टण्डन
सांसद
है।
लोकसभा
में
6विधान
सभायें
है।
मोहान
एवं
सफीपुर
सुरक्षित
सीट
है।
शेष
चार
विधानसभाओं
में
पुरवा,उन्नाव
सदर,भगवन्तनगर,एवं
बांगरमऊ
शामिल
है।
जिले
में
16
विकास
खण्ड
है।
पंाच
तहसीलों
में
उन्नाव
सदर,सफीपुर,पुरवा,हसनगंज,बीघापुर
है।
15
नगर
पंचायते
है।
तीन
नगर
पालिकाओं
में
उन्नाव,गंगाघाट,बांगरमऊ
नगर
पालिका
है।
954
ग्राम
पंचायतें
है।
जबकि
173
न्याय
पंचायतें
है।
वर्ष
2010-11
के
आबाद
ग्रामों
की
संख्या
1689
है।
गैरआबाद
गांव
105
है।
कुल
ग्राम
1794
है।
ग्रामीण
क्षत्रों
में
पुलिस
स्टेशनों
की
संख्या
9
है।
जबकि
शहरी
पुलिस
भी
इसी
संख्या
में
है।
जनपद
में
सिंचाई
के
लिए
नहरें
1757किमी
लम्बी
है।
जनपद
का
भौगोलिक
क्षेत्र
4558वर्ग
किमी
है।
जनपद
की
अधिकांश
आबादी
खेती
करती
है।
जनपद
में
फ्लोराइड
की
गम्भीर
समस्या
को
हल
करा
पाने
में
अब
तक
नाकाम
रहे
जनप्रतिनिधियों
ने
चुनाव
में
दावे
बड़े-बड़े
किये।
फ्लोराइड
से
निजात
पाने
के
लिए
कोई
ठोस
योजना
अब
तके
जिले
के
लोगों
के
सामने
नहीं
आ
पायी।
गरीबी
के
अभिशाप
को
लोग
जीने
को
मजबूर
है।
उन्नाव
जिला
मुख्यालय
के
उत्तर
दही
चैकी
में
चमड़े
की
फैक्ट्रियों
ने
वातावरण
व
जल
को
दूषित
किया।
कुछ
श्रमिकों
को
इन
चमड़े
की
फैक्ट्रियों
में
मजदूरी
जरूर
मिली।
प्रदूषण
के
कारण
बीमारियां
भी
बढ़ी
है।
शहर
के
पुराने
राजधानी
मार्ग
पर
अकरमपुर
मगरवारा
की
फैक्ट्रियां
है।
लखनऊ
कानपुर
राजमार्ग
पर
दही
चैकी
के
साथ
बन्थर
में
चमड़े
की
फैक्ट्रियां
है।
दही
चैकी
फैक्ट्री
क्षेत्र
का
घातक
दूषित
जल
लोन
नदी
में
पानी
के
नाम
पर
घातक
जानलेवा
कचरा
है।
बन्थर
की
फैक्ट्रियों
ने
आर्सेनिक
क्रोमियएम
निकिल
सहित
घातक
रसायनो
से
गंगा
को
प्रदूषित
करने
कसर
नहीं
छोड़ी।
कुछ
राजनीतिक
दलों
ने
प्रदूषण
की
चर्चा
की।
कार्यवाई
के
लिऐ
उनके
कदम
आगे
नही
बढ़
सके।
जनपद
जिले
के
लोग
इससे
निराश
है।
पांच
स्लाटर
हाउसों
मे
दुधारू
पशुओं
के
काटे
जाने
के
भी
आरोपों
को
न
तो
जनतिनिधि
ही
जवाब
दे
पाये
और
न
ही
जुम्मेदार
अधिकारी।जनपद
के
लोग
बिजली,पानी,शिक्षा,उच्च
शिक्षा,स्वास्थ्य,प्रदूषण,ट्राफिक
जाम
भ्रष्टाचार
सहित
नेताओं
की
वादा
खिलाफी
से
लगातार
जूझते
रहे।
हांफते
रहे।
राजनीति
ने
उन्हे
वादों
की
घुट्टी
पिलाई।
सब्जबाग
दिखाया।
इस
चुनाव
से
उस
चुनाव
की
दूरी
में
मतदाताओं
की
संास
फूलती
रही।
लोकतन्त्र
के
महारास
में
शामिल
होने
के
लिए
21लाख
10
हजार
388
मतदाता
जिले
के
लोग
पूरी
तरह
से
तैयार
है।
सरकारी
मशीनरी
का
भी
होमवर्क
लगभग
पूरा
है।
कांग्रेस
ने
सांसद
अन्नू
टण्डन
को
मैदान
में
उतारा
है।
जबकि
बसपा
ने
राज्यसभा
सदस्य
बृजेश
पाठक
को
जो
वर्ष
2004
में
उन्नाव
से
सांसद
रह
चुके
है
पर
दांव
लगाया
है।
राज्य
की
सत्तादली
समाजवादी
पार्टी
ने
इस
बार
पूर्व
राज्यमंत्री
अरूणशंकर
शुक्ला
उर्फ
अन्नामहाराज
को
टिकट
दिया
है।
बताते
चले
कि
श्री
शुक्ला
वर्ष
2009
के
लोकसभा
चुनाव
बसपा
के
प्रत्याशी
के
रूप
में
जनपद
से
लड़
चुके
है
जिसमें
उन्हे
173384
मत
प्राप्त
कर
दूसरे
पायदान
पर
रहे
थे।
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
पूर्व
सांसद
सच्चिदानन्द
हरि
साक्षी
महाराज
को
प्रत्याशी
बनाया
है।
वर्ष
1952
से
60
तक
पं0विशम्भर
दयालु
त्रिपाठी
कांग्रेस
से
सांसद
रहे।
वर्ष
1960
से
62
तक
लीलाधर
अस्थाना,वर्ष
1962
से
1971
तक
कृष्णदेव
त्रिपाठी
सांसद
बने।
वर्ष
1971
जियाऊररहमान
अंसारी
कांग्रेस
से
जीते।
वर्ष
1977
में
चैधरी
राघवेन्द्र
सिंह
जनता
पार्टी
ने
अंसारी
को
हरा
दिया।
वर्ष
1980
व
84
के
चुनाव
में
अंसारी
फिर
जीते।
वर्ष
1989
में
जनता
दल
से
अनवार
अहमद
जीते।
वर्ष
1991से
वर्ष
1998
तक
लगातार
तीनबार
भाजपा
से
देबीबक्स
सिंह
सांसद
रहे।
वर्ष
1999
में
सपा
से
दीपक
कुमार
सांसद
चुने
गये।वर्ष
2004
में
बसपा
से
बृजेश
पाठक
ने
बाजी
मारी।
वर्ष
2009
प्रचण्ड
बहुतम
से
कांग्रेस
की
प्रत्याशी
अन्नू
टण्डन
ने
जीत
दर्ज
की।
आजादी
के
बाद
से
अभी
तक
कांग्रेस
ने
लोकसभा
सीट
9बार
फतह
की
है।
जबकि
जनता
पार्टी
ने
एक
बार,
जनता
दल
ने
एक
बार,भाजपा
3बार,सपा
ने
एक
बार
व
बसपा
ने
एक
बार
लोकसभा
चुनाव
जीता।
वर्ष
1989
के
लोकसभा
चुनाव
से
21साल
बाद
वर्ष
2009
में
कांग्रेस
ने
लोकसभा
चुनाव
में
प्रचण्ड
बहुमत
से
जीत
दर्ज
की
थी।
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