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  कुशीनगर  
 
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Kushinagar
Candidate Party Votes
RAJESH PANDEY URF GUDDU Bharatiya Janata Party 370051
KUNWAR RATANJIT PRATAP NARAIN SINGH Indian National Congress 284511
DR. SANGAM MISHRA Bahujan Samaj Party 132881
RADHE SHYAM SINGH Samajwadi Party 111256
KASHEEM ALI Peace Party 9024
RAMDHANEE Deshbhakt Nirman Party 5485
RAMPRATAP Janata Dal (United) 4805
MARKANDE Bahujan Mukti Party 4270
AMEERUDDIN Apna Dal United Party 3843
AKHAND Aam Aadmi Party 3802
ARVIND Swaraj (J) 3630
JAHID Suheldev Bhartiya Samaj Party 2677
BACHCHOOLAAL Most Backward Classes Of India 2145
GOBARDHAN PRASAD Socialist Party (India) 1963
None of the Above None of the Above 10102
कुशीनगर से कांग्रेस का सुपड़ा साफ, बूरी तरह हारे आर पी एन

कुशीनगर 16 मई। मोदी की लहर ने कुशीनगर में भी सभी दलों का सुपड़ा साफ कर दिया है। केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री भी अपनी सीट नही बचा सके और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेश पाण्डेय से कड़े मुकाबले के बाद 85,540 मतों से बुरी तरह हार गयें।
कुशीनगर में मोदी की ऐसी लहर चली कि प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और केन्द्र की सत्तारूढ़ कांग्रेस(ई) के साथ अन्य दलों की भी लुटिया डूब गयी। बताते है कि कुशीनगर लोकसभा के लिए गत दस बर्षो से भाजपा को इस सीट का इन्तजार था। इसके पूर्व लगातार चार बार भारतीय जनता पार्टी ने रामनगीना मिश्र के रूप में चुनाव जीत कर लोक सभा के पहुचने का काम किया था। लेकिन अफसोस रहा कि सरकार पूर्ण बहुमत में नही आयी।
उसके बाद से भाजपा को कुशीनगर की जनता ने नकार दिया और फिर 2004 के लोकसभा चुनाव में निर्दल प्रत्याशी बालेश्वर यादव ने भाजपा के रामनगीना मिश्रा को बूरी तरह हराकर कुशीनगर की सीट को हथिया लिया। तब से कुशीनगर की सीट के लिए भाजपा तरस रही थी। फिर 2009 का चुनाव आया और कांग्रेस प्रत्याशी कुवंर आर.पी.एन. सिंह ने पहली बार भाजपा को कड़ी शिकस्त दी। इस चुनाव में भाजपा तीसरे नम्बर पर चली गयी और दुसरा स्थान बसपा ने हथिया लिया।
अबकी बार मोदी सरकार के नारे ने ऐसा सुनामी लाया कि केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री आर पी एन सिंह बह गये। सपा और बसपा की अरमानों पर इस सुनामी ने पानी फेर दिया। जिसका लाभ उठाते हुए भाजपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय उर्फ गुड्डू पाण्डेय ने 85,540 मतों से जीत दर्ज की है।


विकास की रेल पर नही चल सके आर.पी.एन. सिंह
कुशीनगर 16 मई। विकास के नाम पर वोट मांगने वाले कांग्रेस प्रत्याशी केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री कुवंर आर पी एन सिंह कुशीनगर की जनता को नही लुभा सके। विकास के तमाम दावों के बाद भी इन्हे बूरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
यद्यपि कुशीनगर में इन्होंने पडरौना सदर सीट से तीन बार विधायक बनने की हैट्रिक लगायी। बाद में इका में विशेष पकड़ के बदौलत 2009 में कुशीनगर लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा और 223954 मत हासिल कर बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था। जिसमें इन्हें 31 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे और स्वामी प्रसाद मौर्य को 29 प्रतिशत मत मिले थे।
सासंद बनने के बाद श्री सिंह केन्द्रीय मंत्री मण्डल में शामिल किये गये और इन्हांेने विकास के नाम पर सबके घरों तक रसोई गैस की किल्लत दूर करने का प्रयास किया। उस समय यह केन्द्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री बने थे। उसके बाद जब इनका मंत्रालय सड़क परिवहन में आया तो इन्होने दावों के बीच कुशीनगर ही नही बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों की सड़कों को सड़क परिवहन से भी जोड़नें में कोई कसर नही छोड़ी। केन्द्रीय विद्यालय से लेकर बाटलिंग प्लांट तक की स्थापना कराया। फिर पहली बार में ही इतना कुछ कर देने वाले ये कुशीनगर के पहले सांसद थे। अब तक कुशीनगर में विकास की रेल नही दौड़ पायी थी। इन्होंने कुशीनगर की जनता को यह अहसास तो करा ही दिया कि कांग्रेस में अपनी पकड़ रखने वाले कुवंर आर. पी. एन. सिंह कुछ भी करा सकते है।
लेकिन एक ही कसक जनता से नही छुड़ा पाये। जो जनता बड़ी रेल के रूप में देखना चाहीं। यद्यपि कुशीनगर जनपद को बिहार से जोड़ने वाली मुख्य रेल लाईन कप्तानगंज-थावे पहले छोटी रेल लाईन थी। बाद में जब ये गृहराज्य मंत्री हुए तो इन्होने इसे बड़े गेज में परिवर्तित तो कर दिया लेकिन रेल यात्रा के लिए रेल नही दौड़ पायी। जो जनता की महती आवश्यकता रही है।
इसी कसक ने जनता को मोदी के तरफ मोड़ने में सहयोग कर दिया। जिसका परिणाम रहा कि इस बार लोकसभा 2014 के चुनाव में कुवंर आर. पी.एन. सिंह के विकास की रेल दौड़ते-दौड़ते पटरी से उतर गयी।
अजय कुमार त्रिपाठी

पहले दिन कुशीनगर में अपना दल ने किया नामांकन
Tags: UP News, Kushinagar MP Constituency
Publised on : 17 April 2014  Time 20:50

कुशीनगर 17 अप्रैल लोकसभा समान्य निर्वाचन के लिए गुरूवार से ही नामांकन का कार्य शुरू हो गया हैं। पहले दिन अपना दल (युनाईटेड) के उम्मीदवार को छोड़ किसी भी दल के उम्मीदवार ने अपना नामांकन नही किया।

इससे तो यह स्पष्ट हो कि गया है कि प्रशासन नामांकन कराने के लिए भले ही तैयार हो लेकिन लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने को तैयार अपना दल यूनाईटेड के प्रत्याशी अमिरूद्दी को छोड़ अन्य राजनीतिक योद्धा अभी भी नामांकन के महुर्त के लिए इधर-उघर ज्योतिषियों की शरण में है। सालहवें लोकसभा के लिए 12 मई को होने वाले मतदान में राहु-केत, शनि मंगल सूर्य की स्थित को देख कर ही वे अपना नामांकन करेगें।

खबर है कि 65 वे लोकसभा कुशीनगर में अपनी जीत दर्ज कराने को लेकर हाटा विधायक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राध्येश्याम सिंह 18 अप्रैल यानि शुक्रवार को अपना नामांकन करेगें। इधर बहुजन समाज वादी पार्टी के उम्मीदवार डा. संगम मिश्रा ने ज्योषियों के राय पर बुघवार यानि 23 अप्रैल को चुना है। दिन के लगभग 11 बजे से ये अपना नामांकन करने के लिए कलक्ट्रेट के लिए प्रस्थान करेगें। वही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अखण्ड प्रताप सिंह ने एक ज्योतिषाचार्य से सम्पर्क साध कर 19 अप्रैल को दोपहर एक बजे से साढ़े तीन बजे के बीच के समय में नामांकन करने का निर्णय लिया है।

बचे दो प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में भाजपा के उम्मीदवार राजेश पाण्डेय उर्फ गुड्डू पाण्डेय 19 तारिख को अपनी भाग्यशाली तिथि मानते है क्योकि इस तिथि को श्री पाण्डेय पैदा हुए थे। ज्योषियों की मद्द से 19 तारिख को ही ये दिन के 11 बजे नामांकन करेगें। वही कांग्रेस () प्रत्याशी वर्तमान सांसद केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री कुंवर आर पी एन सिंह अभी भी ज्योतिषाचार्यो की शरण है। नामांकन की कोई तिथि निधार्रित नही की है। इस सम्बन्ध में कांगेस के मीडिया प्रभारी शमसेर मल्ल ने बताया कि अभी कोई तिथि निर्धारित नही है देर रात को हो सकता है कोई तिथि निश्चित हो जाये।

गन्ना, गरीबी और गण्डक इस बार भी नही बनें मुद्दे
Tags: UP News, Kushinagar MP Constituency, Sudha Tripathi सुधा त्रिपाठी
Publised on : 27 March 2014 Time: 23:20

कुशीनगर,27 मार्च । लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने चुनाव जीतने ़के लिए सारे पैतरे लगाने “ाुरू कर दिये पर अफसोष गन्ना, गण्डक और गरीबी इस बार भी चुनावी मुद्दा नही बन सके।
कही कोई जाति का मुद्दा बना कर चुनाव में मतदाताओं को लुभा रहा है। तो कही कोई कि घर्म और देष की दुहाई दे रहा है। कई तो ऐसे है लाखो रूपये दावत देकर खर्च कर दिये। लेकिन किसी ने नही कहां कि हम कुषीनगर लोक सभा में संचालित चीनी मिलों हर हाल में चलवाते रहेगे। किसी ने गण्डक की समस्या से स्थाई समाधान करने की बात नही की। जिससे लाखों घर बाढ़ की समस्या से प्रत्येक साल जुझते रहते। आज भी कुषीनगर में गरीबों की संख्या लाखों में यह घटने का नाम ही नही ले रही है। 190142 लाख परिवार गरीब है। जिन्हे बीपीएल श्रेणी में रखा गया है। यही नही 170136 परिवार ऐसे है जिन्हें सरकार भुखमरी से बचने के लिए अन्त्योदय योजना के तहत राषन देती है।
प्रत्येक साल ये परिवार बाढ़, और आग की लपटों से वहते और झुलसते रहे। इनकी हालत ऐसी है कि जोड़ा का मौसम आते ही इन्हे ठण्ड से बचने के लिए सरकार की तरफ से अलाव व कम्बल के वितरण का इन्तजार करना “ाुरू कर देना पड़ता है। फिर गर्मी का मौसम आते ही पछुआ हवाओं के झोको ंऔर इनकी फष की छोपड़ियां आग की चिंगारियों का इन्तजार करना “ाुरू देती है। कभी कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि ये लोग अपने घरों को पानी से भीगों कर ही कही दूर किसी काम से जाते है। गर्मी भर इन्हे की आग की लपटै सताती रहती है और ये अजने जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए उन्हे झेलते रहते।
कुछ इसी तरह बरसात के चार महिने भी इन्हे गुजारना होता है। पानी का बरसना अगर “ाुरू हुआ तो बाढ़ का खतरा इन्हे रात भर सोने नही देता। विभाग भी किसी तरह से खाना पूर्ति कर अपना ये चार किसी तरह से निकाल लेता है। ऐसे कर करते-करते 12 माह बीत जाते है। आषुओं की घूंट पीकर ये लोग फिर ये सोचते है कि पांच साल बीतने दों हम अब किसी ऐसे नेता को चुनेंगें की हमारी सारी परेसानिया दूर हो जायेंगी। बीतते समय के साथ वह दिन आ जाता है।सभी पार्टीयां अपना घोशणा पत्र ऐसा बनाती है। कि गन्ना, गण्डक और गरीबी करीब-करीब तीनों सम्माप्त हो जाती है। फिर ये लोग किसी को जाति के नाम पर, किसी को घर्म के नाम पर बोट देकर विधान सभा और लोक सभा में अपना प्रतिनिधित्व करने करने के लिए भेज देते है।
सबसे बड़ी ताजुब की बात तो यह है कि ये हमारे जनप्रतिनिधि भी ऐसे मिल जाते है। जो पॉच साल की सरकार में बहुत कम बार ही अपने क्षेत्र की समस्या उठा पाते है और फिर पांच साल की सरकार के बाद चुनाव आ जाता है। 1952 से 2014 तक यह घरती 15 सांसदों के कार्य काल को देख चूकी है कौन कितना अच्छा है सब जानती है। किसने किसके लिए क्या किया इसे इसे बताना नही है।
फिर भी इन लोगों के साथ इनके हमदर्द चुनावों की प्रतिक्षा करते रहते है कि इस बुछ नया करेगें। जिससें हमेषा के लिए ये समस्याऐं समाप्त हो। पर अफषोस कि पूर्वाचल के अंतिम छोर पर बिहार की सीमा से सटा यह जिला आजादी के 67 साल के बाद भी अपने पिछड़ेपन से उबरने के लिए तरस रहा है। चिरगोड़ा निवासी 70 बर्शीय सत्यनरायण चैबे कहते है कि मुझे आज इन नेताओं पर विष्वास ही नही होता कि ये कुछ कर पायेगे। ये तों सब अपने लिए ही चुनाव लड़ते है और अपना ही बनाते है अगर ऐसा नही होता तो इनकी इतनी बड़ी तादात नही होती। अब तो इन्हे देख बोट देने का मन नही करता क्योंकि आजादी के लिए जिन्होने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उन्होने ऐसे भारत की कल्पना नही कि थी। आज गांधी होते तों देष की दषा देख निष्चित ही रो पड़ते।
इन समस्याओं को फिर चुनावी मुद्दा नही बनाया गया। लोग तो अब यह मान चूके है कि फिर आने वाले पांच साल यहां कि स्थिति में विषेश कोई बदलाव होने की सम्भावना नही है। कभी चीनी का कटोरा कहां जाने वाला यह इलाका आज स्वयं चीनी के लिए तरस रहा है। उसके अपने पैसे बन्द पड़ी चीनी मिलों से नही मिल पाये।

Notification: 17.04.2014
Nomination: 17-24 April 14
Withdrawal: 28.04.2014
Polling: 12.05.2014
Counting: 16.05.2014

   Candidate

 
 
 
 
   
 
 
                               
 
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