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Ambedkar
Nagar |
Candidate |
Party |
Votes |
HARI OM
PANDEY |
Bharatiya
Janata Party |
432104 |
RAKESH
PANDEY |
Bahujan
Samaj Party |
292675 |
RAM MURTI
VERMA |
Samajwadi
Party |
234467 |
ASHOK
SINGH |
Indian
National Congress |
22775 |
SURESH
KUMAR BAUDDH |
Moulik
Adhikar Party |
7694 |
TIGER
RAMNIHOR PATEL |
Independent |
7040 |
J.S.
KASHYAP(JAHAR SINGH
KASHYAP) |
Bahujan
Mukti Party |
6896 |
GOPAL
NISHAD |
Suheldev
Bhartiya Samaj Party |
5792 |
VINOD
KUMAR TIWARI |
Independent |
4707 |
SREERAM |
Most
Backward Classes Of India |
4138 |
BRIJESH
KUMAR |
Aam Aadmi
Party |
3025 |
SURENDRA
KUMAR |
Adarsh
Rashtriya Vikas Party |
2590 |
BALMUKUND
DHURIYA |
Communist
Party of India
(Marxist-Leninist)
(Liberation) |
1942 |
RAM BAHAL
VERMA |
Samyak
Parivartan Party |
1137 |
None of
the Above |
None of
the Above |
7422 |
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टूट रहा
तिलिस्म, दरक रही जातीयता की मजबूत दीवार |
Tags: Mayawati , BSP |
Publised on : 13 March 2014 Time: 23:22 |
अम्बेडकरनगर।
डा. राममनोहर लोहिया की जन्म भूमि बसपा
सुप्रीमों मायावती की सियासी कर्मभूमि एवं
दलित बंचित समाज के चेतना के अग्रदूत रहे
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के नाम पर
सृजित अम्बेडनगर जनपद एवं कबीर की
जन्मस्थली वाले सन्तकबीरनगर जिले में इस
बार जातीयता की ऊंची व मजबूत हो चली दीवारंे
दरक रही हैं। दीवारों में पड़ती दरारों से
कई दशक पुराना तिलिस्म टूट रहा है।
पदाधिकारी व कार्यकर्ता नहीं लेकिन
मतदाताओं की दलीय प्रतिबद्धताएं एवं
निष्ठाएं तार-तार हो रही हैं। जो स्वस्थ्य
लोकतंत्र को मजबूत करने में सहायक भी होगा।
जातीय एवं मजहबी गोलबन्दी के सहारे सत्ता
पर आसीन होने वाले सियासी दलों के
रणनीतिकारों का माथा ठनक रहा है। लिहाजा
अब जातीयता के बजाय साम्प्रदायिक
धु्रवीकरण के लिए ही रणनीति के तहत सियासी
तीर चलाए जा रहे हैं। सोशल इंजीनियरिंग एवं
माइ समीकरण के सहारे सत्ता पर काबिज होने
वाले सियासी दल डा. राममनोहर लाहिया की
जन्म स्थली एवं सन्तकबीरनगर की प्रयाग
स्थली वाले अम्बेडकरनगर एवं सन्तकबीरनगर
संसदीय क्षेत्रों में साम्प्रदायिक
धु्रवीकरण के फार्मूले को ही आगें बढ़ा रहे
हैं।
मंगलवार को बसपा सुप्रीमों मायावती एवं सपा
प्रदेश अध्यक्ष एवं सूबे की मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव की अम्बेडकरनगर संसदीय
क्षेत्र के अकबरपुर व टांडा विधानसभा में
अलग अलग सभाएं थीं। लेकिन दोनों सभाओं में
समतुल्यता ही थी। दोनों ही पार्टियों के
स्टार प्रचारकों के निशाने पर भाजपा एवं
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र
मोदी ही थे। जनपद सृजन के बाद से ही दोनों
ही सियासी पार्टियों की अब तक जितनी भी
सभाएं रैलियां एवं अन्य बड़े कार्यक्रम हुए
हैं उनमें दोनों ने मुख्य केन्द्र में एक
दुसरे को ही रखे हुए था। लेंकिन इस बार
माहौल एवं अन्दाज दोनों जुदा-जुदा लेकिन
लक्ष्य एक था। सपा जहां अपने परम्परागत
मुस्लिम वोट को सहेजने के लिए पूरा जोर लगा
रही थी तो वहीं बसपा उन्हें एक मुश्त अपने
पाले में कर भाजपा को कामयाब होने से राकने
की गारण्टी दिला रही थी। दोनों ही दलों
में यदि बताने में होंड़ लगी थी कि वो ही
भाजपा का रोक पाने में सक्षम हैं। दोनों
अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा खासकर नरेन्द्र
मोदी का हौवा खड़ाकर मुस्लिम मतदाताओं को
सहेजने समझाने एवं पुचकारने का प्रयास कर
रहे थे। जो अम्बेडकरनगर सन्कबीरनगर संसदीय
क्षेत्रों में काफी अहं निर्णायक भूमिका
में हैं। अब एक मुश्त अपने-अपने पाले में
करने में जुटे दोनों पार्टियों के क्षत्रप
साम्प्रदायी धु्रवीकरण पर ही सारा ध्यान
केन्द्रित हुए हैं। जिसके कारण अक्सर बना
बनाया सियासी खेल भी बिगड़ जाता है।
भाजपा को हिन्दुत्व का मजबूत अलम्बरदार
पहले से ही माना जाता रहा है। हालांकि उसके
प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से
लेकर हर बड़ा छोटा नेता एवं कार्यकर्ता इस
बार सबका विकास-सबका साथ नारे को ही आगे
बढ़ाते हुए अमली जामा पहनाने में जुटा हुआ
है। शायद यही वजह भी है कि हर बार के
चुनावों से इतर इस बार मतदाताओं का रूख भी
है। मतदाताओं के रूख में भी नहीं ज्यादा
लेकिन कुछ हद तक बदलाव देखने एवं सुनने को
भी मिल रहा है। देश में बहती मोदी वयार के
मध्य इस बार पूर्वाचल खासकर सन्तकबीरनगर
एवं संसदीय क्षेत्र में हवाओं का रूख मुड़ा
हुआ है तितरफा चल रहे ववंडर में कामयावी
किसको मिलेगी यह तो 16 मई का ढलता सूरज की
तय करेगा।
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Notification:
12.04.2014 |
Nomination: 12-19
April 14 |
Withdrawal:
23.04.2014 |
Polling:
07.05.2014 |
Counting:
16.05.2014 |
Candidate |
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