योगी
आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को जब प्रदेश
के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तो
प्रदेश की जनता के मन में तमाम प्रश्न थे।
आम जनता को लगता था कि एक भगवाधारी संत
प्रदेश में कानून व्यवस्था, विकास और
सुशासन की जन आकांक्षओं को क्या वास्तव
में पूरा कर पाएगा। क्योंकि, प्रदेश की
जनता ने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की
अखिलेश यादव सरकार को इन्हीं मुद्दों पर
विफलता के कारण हटाया था। सपा राज में
भ्रष्टाचार चरम पर था। अवैध कब्जे, वसूली
और ट्रांसफर पोस्टिंग का उद्योग चल रहा
था। कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब
थी। इन्हीं समस्याओं से निजात पाने के लिए
जनता ने भारतीय जनता पार्टी को विधान सभा
में प्रचण्ड बहुमत देकर सत्ताशीन किया था।
अब योगी आदित्यनाथ की सरकार को 18 मार्च
को तीन साल पूरे हो रहे हैं तो जनता को
आत्मसंतोष है कि उसने जो अपेक्षाएं की
थीं, वे काफी हद तक पूरी हो रही हैं।
हालांकि अभी कई वादे और उम्मीदें ऐसी हैं
जिन्हें पूरा किया जाना है। पिछले तीन साल
के योगी सरकार के कार्यकाल और कामकाज पर
नजर डाली जाए तो स्पष्ट नजर आता है कि जनता
को भ्रष्टाचार विहीन सरकार मिली है। योगी
जी की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उनकी छवि
के ऊपर कोई अंगुली नहीं उठा सकता है।
उन्होंने पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ
प्रदेश को प्रतिदिन 18 से 20 घण्टे तक का
समय दिया है। योगी जी पहली प्राथमिकता
भ्रष्टाचार को रोकना था। इसके लिए उन्होंने
जीरो टालरेंस नीति अपनायी, जो भी अधिकारी
भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया। उसे
बर्खास्त किया गया। अनेक अधिकारी और
कर्मचारी निलंबित हुए हैं। कामकाज में
ढिलाई और लापरवाही बरलने वाले अधिकारियों
को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। इन
सबसे शासन-प्रशासन के काम काज मे तेजी आयी
है। इस सरकार की अभी तक की सबसे बड़ी
उपलब्धि किसानों की 36 हजार करो़ड़ रूपये
की कर्जमाफी रही है। प्रदेश में 2017 के
विधान सभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता
पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में किसानों
से वादा किया था कि सरकार बनने पर तत्काल
छोटे व मध्यम किसानों के कर्ज माफ किये
जाएंगे। सरकार बनने के बाद योगी
मंत्रिमण्डल ने पहली ही बैठक में किसानों
के 36 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ करने
का फैसला किया। इससे प्रदेश के कर्जदार
किसानो को बड़ी राहत मिली। प्रदेश में
गन्ना किसानों का बकाया मूल्य भुगतान हमेशा
से एक समस्या रहा है। लेकिन, सरकार ने
भुगतान में तेजी लाकर तीन साल में किसानों
को गन्ना मूल्य का 92311 करोड़ रुपये का
भुगतान कराया। जबकि पूववर्ती सपा सरकार ने
अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में 95235
करोड़ और इसके पहले बसपा सरकार ने पांच
साल में 52131 करोड़ का भुगतान कराया था।
इसके अलावा सिंचाई सुविधाओं पर सरकार ने
ध्यान केन्द्रित किया। राज्य की लंबित
सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए
अभियान चलाया है। सरकार ने दूसरा बड़ा काम
यह किया कि प्रदेश में गोवंश का अवैध
परिवहन करके राज्य के बाहर ले जाने पर रोक
लगाई । बूचड़खानों में गोवंश के काटने को
सख्ती के साथ रोका गया। राज्य में महिलाओं
के साथ होने वाले अपराध और छेड़छाड़ की
घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को
निर्देश किया गया। पुलिस को अभियान चलाकर
इस तरह के तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
करवाई गई। जहां तक राज्य में विकास का
प्रश्न है तो सरकार ने अच्छी सड़कें तथा
एक्सप्रेस वे उपलबद्ध कराने के लिए अभियान
चलाया है। प्रदेश में एक साथ पांच
एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है। इनमें
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुन्देलखण्ड
एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एकस्प्रेस वे,
गाजीपुर बलिया लिंक एक्सप्रेस वे और
वाराणसी से मेरठ तक गंगा एक्सप्रेस वे
शामिल हैं। विकास के क्रम में डिफेंस
कारीडोर और इंडस्ट्रियल कारीडोर की योजना
भी महत्वपूर्ण है। डिफेंस इंस्ट्रियल
कारीडोर का निर्माण बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस
वे के समानान्तर तथा इंडस्ट्रियल कारीडोर
का निर्माण गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के
समानान्तर किया जाएगा। राज्य की स्वास्थ्य
सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक साथ 21
मेडिकल कालेजों को मंजूरी देना और सुदूर
जिलों में उनकी स्थापना का अभियान चलाना
भी महत्वपूर्ण है। राज्य में एटा, गाजीपुर,
देवरिया, प्रतापगढ़, फतेहपुर,मिर्जापुर,
सिद्धार्थनगर, हरदोई, कुशीनगर, बिजनौर,
सुल्तानपुर, गोण्डा, ललितपुर,लखीमपुर खीरी,
चन्दौली, बुलन्दशहर, सोनभद्र, पीलीभीत,
औरैया, कानपुर देहात और कौशाम्बी जनपदों
में मेडिकल कालेजों की स्थापना की जा रही
है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगी सरकार
का एक बड़ा कदम आरोग्य मेलों का आयोजन है।
इन मेलों में कैंप लगाकर मरीजों को
चिकित्सा सुविधाएं और जांचें की जा रही
हैं। सुदूर ग्रामीण विकास खण्डों और
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित
होने वाले मेलों में हजारों की संख्या में
मरीज पहुंच कर निशुल्क चिकित्सा लाभ
प्राप्त करते हैं।
इसी तरह से सरकार ने सात नए राज्य
विश्वविद्यालय खोलने का फैसला किया है। ये
विश्वविद्यालय अलीगढ़, आजमगढ़ और
सहारनपुर में राज्य के विश्वविद्यालय खोले
जाएंगे जबकि लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी
चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होगा। वहीं
गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय और
प्रयागराज में विधि विश्वविद्यालय और यूपी
पुलिस फोरेंसिक विश्वविद्यालय स्थापित
होंगे। सरकार ने प्रदेश के आध्यात्मिक और
धार्मिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए
धार्मिक पर्यटन और तीर्थ स्थलों के विकास
की व्यापक योजनाएं बनाई हैं। अयोध्या,
वाराणसी, मथुरा, मिर्जापुर, चित्रकूट,
नैमिषारण्य, बृजघाट के विकास के विशेष बजट
आबंटन कर कार्य शुरु कराये गए हैं। अयोध्या
में योगी सरकार आने के बाद से दिव्य
दीपावली का आयोजन किया जा रहा है। सरकार
ने प्रयागराज कुम्भ में श्रद्धालुओं को
स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए गंगा में
प्रदूषण को रोकने के उपया किये। प्रदेश के
विकास के लिए निवेश लाना एक बड़ी चुनौती
रही है। सरकार ने इसके लिए भी इंवेस्टर्स
समिट करके निवेश लाने का प्रयास किया है।
डिफेंस और इंडस्ट्रियल समिट के जरिये
प्रदेश में 4 लाख 78 हजार करोड़ रुपये के
निवेश के एमओयू हुए। इसमें से एक लाख 68
हजार करोड़ रुपये के प्रजोक्ट शुरु हो गए
हैं। एनसीआर में जेवर में दो दशक से अधिक
समय से अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का
निर्माण प्रस्तावित है। लेकिन, इस पर काम
लंबित था। योगी सरकार ने आते ही इस पर काम
शुरु कराया है। अब उम्मीद जगी है कि
प्रदेश को इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिलेगा। यह
एयरपोर्ट राज्य की पहचान बनेगा। प्रदेश
में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए
पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करना भी एक
उपलब्धि माना जाएगा।
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